पश्चिम बंगाल के शहर कोलकाता का यह एक पर्यटन स्थल है।
यह पुल आज कोलकाता की पहचान बन चुका है।
इसे ही रविंद्रा सेतु भी कहा जाता है।
यह झूलता हुआ पुल है।
इस पुल पर हमेशा गाड़ियों का आवागमन होता रहता है।
इस पुल पर आप सुबह के सैर का भी मजा ले सकते हैं।
यह अपने तरह का छठवाँ सबसे बड़ा पुल है।हावड़ा ब्रिज कोलकाता (पश्चिम बंगाल ) में स्थित है. इसका निर्माण 1939 में शुरू हुआ और यह 1943 में जनता के लिए खोला गया था। हावड़ा और कोलकाता को जोड़ने वाला हावड़ा ब्रिज जब बनकर तैयार हुआ था तो इसका नाम था न्यू हावड़ा ब्रिज। 14 जून 1965 को गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर इसका नाम रवींद्र सेतू कर दिया गया पर प्रचलित नाम फिर भी हावड़ा ब्रिज ही रहा।